बुधवार, अक्तूबर 6

दिल की गई चिंता उतर

जब यार देखा नैन भर, दिल की गई चिंता उतर
ऐसा नहीं कोई अजब, राखे उसे समझाय कर

जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
हक्क़ा इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर

तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
तुझ दोस्ती बिसियार है, इक शब मिलो तुम आय कर

‘ख़ुसरो’ कहे बातें ग़ज़ब, दिल में न लाए कुछ अजब
क़ुदरत ख़ुदा की है अजब, जब जिस दिया गुल लाय क

1 टिप्पणी:

  1. आंसू बड़े काम की चीज है ...आंसू निकलते है ..मगर कुछ अन्दर समा जाते है ...विजयदशमी की सुभकामनाये

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