रविवार, जून 19

फादर्स डे पर अब्राहम लिंकन का पुत्र को लिखा गया एक यादगार खत

आज फादर्स डे है यानी हिंदी में कहें तो पितृ दिवस। कई लोग कहते हैं कि ये सब विदेशी संस्कृति के चोचले हैं पर मुझे लगता है कि अगर ऐसे चोंचले हों तो वो अच्छे ही हैं।
लगभग हर बच्चे के लिए पिता उसका रोल माडल होता है । हर पिता चाहता है कि उसके बच्चे अच्छे इंसान बने. पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की भी यही इच्छा थी. लिंकन ने सालों पहले अपने बेटे विली के स्कूल प्रिंसिपल को एक खत लिखा था. उसमें उन्होंने उन बातों का जिक्र किया था, जो वे अपने नन्हें को सिखाना चाहते थे. यह खत पूरी दुनिया के लिए एक ऎतिहासिक दस्तावेज है. इसमें कही गई बातें हर पिता के दिल में बसी होती हैं. फादर्स डे के मौके पर पढते हैं, लिंकन का वही खत.
सम्माननीय सर,
आज मेरे बेटे का स्कूल में पहला दिन है। वह पूरी दुनिया से अभी अनजान है। मैं चाहता हूं कि आप उसे जिंदगी के गुर सिखाएं। इस दुनिया में सारे लोग सच्चे और अच्छे नहीं हैं। यह बात उसे सीखनी होगी। मैं चाहता हूं कि आप उसे यह सिखाएं कि दुनिया के बुरे से बुरे इंसान के पास भी एक अच्छा और पवित्र ह्वदय होता है। हर दुश्मन के अंदर एक बेहतरीन दोस्त बनने की अनंत संभावनाएं छुपी होती हैं। मैं जानता हूं कि अभी इन बातों को सीखने में उसे समय लगेगा। पर फिर भी आप उसे सिखा सकते हैं कि मेहनत से कमाया गया एक रूपया, सडक पर पडे मिलने वाले पांच रूपए के नोट से कहीं ज्यादा मूल्यवान होता है। आप उसे बताएं कि दूसरों से ईष्र्या की भावना को मन से निकाल दे। साथ ही यह भी सिखाएं कि खुलकर हंसते वक्त भी शालीनता बरतना बेहद जरूरी है।
आप उसे किताबें पढने के लिए कहें, पर साथ ही उसे आसमान में उडते पक्षियों, फूलों पर मंडराती तितलियों को निहारने और कुदरत को महसूस करने की बात याद दिलाते रहें। मेरा मानना है कि ये बातें उसकी बेहतर जिंदगी के लिए ज्यादा जरूरी हैं। आप उसे सिखाएं कि नकल करके एग्जाम पास करने से अच्छा है फेल हो जाना। उसमें अपनी सही बात पर कायम रहने का हुनर होना चाहिए, फिर चाहे दूसरे उसे गलत कहते रहें। दयालु इंसानों के साथ प्यार से पेश आना और बुरे लोगों के साथ सख्ती से पेश आने की बात भी आप उसे बताएं। इन्हीं दिनों में वह दूसरों की तमाम बातों को सुनकर उनमें से अपने काम की चीजों को चुनने की कला विकसित कर सकता है। आप उसे बताएं कि दूसरों को डराना-धमकाना कोई अच्छी बात नहीं है। इस काम से उसे दूर रहना चाहिए।
उसे यह जरूर बताएं कि मायूसी को किस तरह खुशी में बदला जा सकता है। साथ ही उसे यह भी सिखाएं कि जब कभी उसका रोने का मन करे तो रोने में शर्म बिल्कुल न करे। मैं सोचता हूं कि उसे खुद पर भरोसा होना चाहिए और दूसरों पर भी यकीन करना चाहिए, तभी वह एक बेहतर इंसान बन सकता है। उसे कहें, कामयाबी पाने के लिए सारा आकाश तुम्हारा है! इन बातों में से जितना भी आप उसे सिखा पाएं, उसके भविष्य के लिए बेहतर होगा। फिर अभी वह बहुत छोटा ही तो है और बहुत प्यारा भी।
आपका
अब्राहम लिंकन

बुधवार, अक्तूबर 6

दिल की गई चिंता उतर

जब यार देखा नैन भर, दिल की गई चिंता उतर
ऐसा नहीं कोई अजब, राखे उसे समझाय कर

जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
हक्क़ा इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर

तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
तुझ दोस्ती बिसियार है, इक शब मिलो तुम आय कर

‘ख़ुसरो’ कहे बातें ग़ज़ब, दिल में न लाए कुछ अजब
क़ुदरत ख़ुदा की है अजब, जब जिस दिया गुल लाय क

शुक्रवार, अक्तूबर 1

कहाँ नहीं ढूँढा ??

जो खिल गए वो फूल बाजारों में बिक गए ...
जो कलियाँ थी वो उनके केशुवो में सज़ गए ...
हम बागों में खुशबू ढूँढ़ते रह गए ...
कुछ यादों में मिले..कुछ फ़ना हो गए ...

सोमवार, जुलाई 5

आज झुमके नाचो....

आज काफी दिनों बाद इस तरह का मौसम देखकर ऐसा लगता है कि सचमुच आज दिल खोलकर नाचू... शायद ही इस तरह का मौसम फिर मिले देखने को...